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Monday, November 16, 2020

औलाद की चाह में पड़ोसी की मासूम बेटी की हत्या के बाद पकाकर खा गए कलेजा

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के भदरस गांव में एक 7 साल की बच्ची की हत्या पर कानपुर पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. पुलिस का कहना है कि बच्ची की हत्या तंत्र-मंत्र के फेर में बेहद बेरहमी से की गई है. इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड पीड़ित परिवार का पड़ोसी है, जिसने औलाद की चाह में मासूम बच्ची की बलि दिलवा दी. इस काम के लिए उसने अपने भतीजों को पैसे भी दिए थे.



पहले पुलिस ने माना था रेप का केस 
इससे पहले पुलिस ने बताया था कि दो युवकों ने रेप के प्रयास में बच्ची की हत्या की. लेकिन बच्ची के परिजनों का दावा था कि बच्ची की बलि दी गई है. जिसके बाद पुलिस ने अपनी थ्योरी पर थोड़ा और काम किया तो पता चला कि बच्ची की हत्या दो युवकों ने ही की थी, उससे रेप का प्रयास भी किया गया था, लेकिन घटना का मास्टरमाइंड कोई और ही था. 

परशुराम ने रची थी पूरी साजिश 
पीड़ित परिवार के घर के पास ही रहने वाले परशुराम ने बच्ची की हत्या की साजिश रची थी. पुलिस के मुताबिक करीब 21 साल से बेऔलाद परशुराम और उसकी पत्नी ने तंत्र-मंत्र के फेर में पड़कर बच्ची की हत्या की पूरी स्क्रिप्ट रची. इसके लिए उन्होंने पड़ोस में रहने वाले अपने दो भतीजों अंकुर और वीरेंद्र का इस्तेमाल किया. इन दोनों को पैसे देकर किसी बच्ची का कलेजा लाने के लिए कहा गया. 



अंकुर और वीरेंद्र ने की हत्या 
डीआईजी प्रतिविंदर सिंह ने अंकुर कुरील और वीरेंद्र कुरील नाम के दो युवकों की फोटो जारी करके दावा किया कि बच्ची की हत्या इन दोनों ने ही की है. ये उसको चिप्स दिलाने के बहाने ले गए थे. शराब के नशे में धुत दोनों लड़कों ने पहले बच्ची से रेप करने का प्रयास किया और फिर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. 

बच्ची का कलेजा मंगाकर परशुराम ने खाया
7 साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी का सारी हदें पार कर दी गईं. उसकी हत्या के तुरंत बाद अंकुर और वीरेंद्र ने चाकू से उसका लिवर निकाला और फिर परशुराम को दिया. जिसे पति-पत्नी ने खाया. पुलिस के मुताबिक परशुराम को किसी तांत्रिक ने ऐसा करने के लिए कहा था और बताया था कि इससे उसके घर में बच्चे की किलकारी गूंजेगी. पुलिस ने आरोपी पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है. 

मंदिर के पास मिला था बच्ची का शव 
बच्ची का शव घाटमपुर इलाके में  काली मंदिर के पास मिला था. शरीर पर कपड़े नही थे और उसके कुछ अंग गायब थे. बच्ची की चप्पलें भी पास ही में थीं. परिवार ने शव देखने के बाद ही कहा था कि बच्ची की बलि दी गई है. 

सीएम योगी ने लिया था मामले का संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इस मामले में संज्ञान लिया था. जिसके बाद से पूरे कानपुर प्रशासन में हड़कंप मच गया. रविवार की रात को ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी बच्ची के घर पहुंचकर उनको मुआवजा देने की जानकारी दी.  सीएम ने परिजनों को 5 लाख की सहायता का ऐलान किया था. 

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