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Monday, November 16, 2020

अगले साल आज के दिन से दौड़ने लगेगी कानपुर मेट्रो, जाने क्यूँ है सबसे ख़ास

भारत के दस बड़े शहरों में संचालित मेट्रो में बहुत जल्द कानपुर का भी नाम जुड़ने वाला है। इन दस शहरों की अपेक्षा कानपुर मेट्रो कुछ खास और अलग रहने वाली है। कानपुर मेट्रो के कार्य की शुरुआत को एक वर्ष हो गया है, माना जा रहा है अगले वर्ष तक शहरवासियों का मेट्रो में सफर करने सपना पूरा हो जाएगा। कानपुर में अगले साल आज के ही दिन पहले फेज में मेट्रो दौड़ाने का जो समयसीमा तय की गई है, उसके निर्माण का एक साल पूरा हो गया. 15 नवंबर को ही आइआइटी के बाहर सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मेट्रो के निर्माण का भूमिपूजन हुआ था. एक साल के अंदर मेट्रो के निर्माण कार्य ने काफी तेजी पकड़ी है. ठीक एक साल पहले कानपुर में मेट्रो का जो निर्माण कार्य शुरू हुआ था, उसकी राह कोरोना संक्रमण काल में प्रभावित जरूर हुई लेकिन अनलॉक के बाद ​मेट्रो के निर्माण कार्य ने फिर से तेजी पकड़ ली है. बात अगर निर्माण कार्य की करें तो आइआइटी से मोतीझील तक पहले फेज़ के नौ किलोमीटर रूट में करीब 90 फीसद पाइलिंग का कार्य हो चुक है. 2330 में 2005 पाइल की खुदाई पूरी हो चुकी है.506 पिलर में से 280 पिलर तैयार हो चुके हैं. इसके अलावा करीब पौने दो सौ टी गर्डर और सवा सौ से अधिक यू गर्डर निर्धारित स्थानों पर रखे जा चुके हैं. इसके अलावा एक स्टेशन का आधार तैयार किया जा चुका है जबकि दूसरे स्टेशन का आधार पूरा करने का काम काफी हद तक पूरा किया जा चुका है.





जानिए-क्यों बनी खास

अभी तक देश में कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई, बंगलुरु, हैदराबाद, जयपुर, गुरुग्राम, मुंबई, कोच्चि और लखनऊ में मेट्रो का संचालन हो रहा है। कानपुर में 15 नवंबर 2019 को मेट्रो कार्य का शुरभारंभ हुआ था। यहां मेट्रो लाइन निर्माण में इस्तेमाल डबल टी गार्डर ने पूरे देश में खास बना दिया है। एक वर्ष में स्टेशन के निर्माण को डबल टी गार्डर ने तेज रफ्तार दी है। यूपी मेट्रो रेल कारपोरेशन ने कानपुर मेट्रो परियोजना में स्टेशनों के पहले तल को बनाने में डबल टी गार्डर का इस्तेमाल किया, जबकि इससे पहले देश में मेट्रो के निर्माण में सिंगल टी गार्डर का इस्तेमाल किया जा रहा था।

इससे कार्य की रफ्तार भी तेज हो जाती है और स्ट्रक्चर की फिनिशिंग भी अच्छी रहती है। आइआइटी का निर्माणाधीन स्टेशन इसका उदाहरण है। मेट्रो के अधिकारी अब 15 नवंबर 2021 तक मेट्रो को चलाने की बात कह रहे हैं। यदि समय रहते कार्य पूरा हुआ तो बहुत जल्द शहरवासियों का मेट्रों में सफर करने का सपना पूरा हो जाएगा।

ट्रैफिक कंट्रोल के लिए तैनात रहते मार्शल

नौ किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर दोनों शिफ़्टों में 25 से 30 ऐसे स्पॉट चुने गए हैं, जहां ट्रैफ़िक जाम की आशंका अधिक होती है। इसके साथ ही ट्रैफ़िक डायवर्ज़न में सावधानी बरतने की जरूरत होती है। यहां मेट्रो के 50 मार्शल तैनात हैं। जो ट्रैफ़िक नियंत्रण में मदद करते हैं।

ये है कानपुर की मेट्रो

  • -दोनों कारीडोर की अनुमानित लागतः 11076.48 करोड़।
  • -वर्ष 2024 तक इसे पूरा करना है।

पहला कॉरिडोर

आइआइटी से नौबस्ता

स्टेशनः 21

एलिवेटेडः 14

अंडरग्राउंडः 7

लंबाई.- करीब 23 किलोमीटर

दूसरा कॉरिडोर

सीएसए से बर्रा-8

स्टेशनः 8

एलिवेटेड-4

अंडरग्राउंड-4

लंबाई- करीब 8 किलोमीटर।

कानपुर मेट्रो की कुछ प्रमुख बातें

  • -31 दिसंबर 2019 को पहला पिलर तैयार हुआ। पहले कारीडोर में 506 पिलर बनेंगे। अभी तक 294 पिलर बन चुके हैं।
  • -20 जनवरी 2020 को लखनपुर कास्टिंग यार्ड में यू गार्डर की ढलाई शुरू हुई। एक यू गार्डर 27 मीटर लंबा और लगभग 4 मीटर चौड़ा होता है, जिसका वज़न लगभग 150 टन होता है।
  • -2 मार्च 2020 को पहला पियर कैप रखा गया। पहले कारीडोर में 300 पियर कैप रखे जाने हैं, जिसमें से 132 रखे जा चुके हैं।
  • -25 जुलाई 2020 को आइआइटी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स के लिए पहला डबल टी-गर्डर रखा गया। नौ मेट्रो स्टेशनों के लिए कुल 384 डबल टी-गार्डर रखे जाने हैं, जिनमें से अभी तक 165 रखे जा चुके हैं।

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