कोरोना संक्रमण काल में अफसरों की लापरवाही के किस्से तो यूं ही आम होत हैं लेकिन अगर वह शहर की प्रथम महिला की भी न सुनें, वह भी जब प्रदेश में उनकी सरकार हो, तो फिर सवाल खड़े होते हैं. अफसरों की यह लापरवाही और बड़ी हो जाती है, जब कुछ दिन पहले ही महापौर के साथ बैठक में कमिश्नर ने नगर आयुक्त को निर्देश दिए थे कि महापौर को जानकारी से रूबरू कराया जाए लेकिन नगर निगम अफसर हैं, जो सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. नतीजा यह हुआ कि अफसरों के इस लापरवाह रवैये से तमतमाई महापौर ने नाराजगी जाहिर करते हुए बैठक को बीच में ही खत्म कर दिया. हालांकि, नगर निगम की तरफ से जो प्रेस नोट जारी किया गया है, उसमें कई जगहों पर संपत्तियों की गणना का उल्लेख किया गया है. कई जगह तकनीकी दिक्कतो को भी बताया गया है.
हालांकि, नगर निगम की तरफ से जो प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है, उसमें जोन एक, चार और छह के जोनल अफसरों द्वारा अभी तक सर्वे कार्य पूरा होने की जानकारी दी गई है. जोन दो का उल्लेख नहीं किया गया है. जोनल अफसरों ने कई दिक्कतों को भी गिनाया है. इसमें यह भी बताया गया कि महापौर ने प्रेम नगर धर्मशाला के संबंध में जब जानकारी चाही, तो उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिल पाया.
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