कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम् के सामूहिक गायन से हुई, जिसके बाद वक्ताओं ने स्वतंत्रता संग्राम में इस गीत की ऐतिहासिक भूमिका को याद किया।
महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि वंदे मातरम् हमारे राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह गीत हर भारतीय को अपनी मातृभूमि के प्रति गर्व और समर्पण का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि ऐसा आयोजन युवाओं में राष्ट्रप्रेम की भावना को और प्रबल करेगा।
विधायक नीलिमा कटियार ने कहा कि बंगाल की पावन भूमि पर रचित यह गीत भारतीय संस्कृति और मातृभूमि-भक्ति का अद्भुत संगम है। इसने स्वतंत्रता संग्राम को जनांदोलन का स्वरूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विधायक सरोज कुरील ने कहा कि यह गीत राष्ट्रप्रेम, साहस और सर्वस्व अर्पण की प्रेरणा देता है, जबकि विधायक सुरेंद्र मैथानी ने कहा कि वंदे मातरम् ने स्वतंत्रता आंदोलन को नई ऊर्जा दी और देशभर में चेतना जगाई।
विधायक महेश त्रिवेदी ने कहा कि वंदे मातरम् मातृभूमि के प्रति समर्पण और स्वाभिमान का अमर उद्घोष है, जो नई पीढ़ी को देशहित में कार्य करने की प्रेरणा देता है।
जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण ने कहा कि यह गीत भारतीय आत्मा का स्वर है, जिसने हर युग में युवाओं को राष्ट्रनिर्माण के लिए प्रेरित किया है।
डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि वंदे मातरम् ने स्वतंत्रता आंदोलन में एकता, आत्मविश्वास और स्वाभिमान की भावना को जन्म दिया। उन्होंने बताया कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के लगभग 18 वर्ष बाद रचित यह गीत भारतीय समाज की संस्कृति और मातृभूमि के प्रति अटूट आस्था का प्रतीक है।
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