त्योहार की रात कानपुर में कई बच्चे और युवा पटाखों से झुलसने, आंखों में चोट लगने, और सांस की तकलीफ जैसी गंभीर स्थितियों में हैलट अस्पताल पहुंचे। अचानक बढ़े मरीजों के बोझ से अस्पताल प्रशासन हांफ गया। डॉक्टरों और नर्सों की टीम ने रातभर लगातार इलाज किया, लेकिन कई परिवारों की दीपावली का उजाला सदा के लिए बुझ गया।
डॉक्टरों के मुताबिक, इस बार पटाखों से झुलसने के मामलों में बच्चों की संख्या सबसे अधिक रही। कई मासूम पटाखे जलाते समय गंभीर रूप से घायल हुए। वहीं, शहर के कुछ इलाकों में धुएं और प्रदूषण के कारण अस्थमा व एलर्जी के मरीजों की भी संख्या बढ़ गई।
एक घायल बच्चे के पिता ने कहा —
> “जहां सब लोग दीप जलाकर भगवान से खुशियां मांग रहे थे, वहीं हम अपने बच्चे की जिंदगी के लिए दुआ मांग रहे थे… यह दीपावली कभी नहीं भूल पाएंगे।”
पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि सावधानी से त्योहार मनाएं और पटाखों से दूरी बनाएं, ताकि अगली दीपावली किसी परिवार के लिए शोक में न बदले।
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