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Wednesday, October 8, 2025

कानपुर में स्कूटी धमाका: साजिश या हादसा? — रिपोर्ट

कानपुर — कानपुर के मिश्री बाजार क्षेत्र में मंगलवार (रविवार शाम) को एक भयावह घटना हुई, जब मरकस मस्जिद के समीप दो स्कूटी अचानक जोरदार धमाके के साथ फट गईं। इस धमाके में आठ लोग घायल हो गए और कई दुकानों तथा इमारतों को गंभीर क्षति पहुंची। 
घटना का संक्षिप्त विवरण

यह धमाका उस densely आबादी वाले इलाके में हुआ, जहाँ बहुत-से लोग रहते और दुकानदार दिन के最后 तैयारियाँ कर रहे थे। 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्कूटी घटना से कुछ समय पहले ही वहां खड़ी देखी गई थी। लोगों में यह सवाल गूंज रहा है कि यह संबंधी स्कूटी पूर्व में खड़ी थी या विशेष मकसद से घटना से तुरंत पहले लगाई गई थी। 

पुलिस की फोरेंसिक और बम निरोधक (बम स्क्वाड) टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं और विस्फोट स्थल की निगरानी शुरू कर दी। 


पूछताछ और जांच

विस्फोट की कहानी में सबसे अहम बात यह है कि स्कूटी की एक नंबर प्लेट बरामद हुई है, जबकि दूसरी स्कूटी की नंबर प्लेट धमाके में उड़ गई थी। पुलिस अब उस नंबर प्लेट से संबंधित व्यक्ति को खोजने में लगी है। 

जांच की गई है कि यह धमाका किसी विस्फोटक वस्तु (जैसे पटाखा या सुतली बम) की वजह से हुआ या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे बैटरी में कोई फाल्ट था। 

कुछ स्थानीय निवासियों ने सुझाव दिया है कि यह संभवतः दिवाली के समय उपयोग किए जाने वाले देसी बम या पटाखों से जुड़े एक पूर्व निर्धारित विस्फोट हो सकता है। ध्वनि इतनी तीव्र थी कि आधे किमी दूर तक आवाज सुनी गई। 


प्रभावित एवं घायल

इस धमाके की चपेट में सुमाना (70 वर्ष), अब्दुल (60 वर्ष), रियादुईन (70 वर्ष) और अश्वनी (50 वर्ष) सहित कुल आठ लोग आए, जिन्हें तुरंत उर्सला अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

दोनों स्कूटियों के पुर्जे बुरी तरह टूट गए और आसपास के दुकानों व भवनों में दरारें आ गईं। दुकानों की शटरें क्षतिग्रस्त हो गईं और सीलिंग टूट गई। 

विस्फोट के बाद इलाके में पूरे बाजार में अफरा-तफरी मच गई, धुएँ की गुबार उभरी और कई लोग भयभीत हो गए। 



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आगे की संभावनाएँ एवं चुनौतियाँ

यदि यह साजिश का मामला है, तो इसे अंजाम देने वालों का मकसद, आगे क्या रणनीति थी, और स्कूटी वहाँ कौन और क्यों लेकर आया — यह सब अब प्राथमिक जांच का हिस्सा हो सकता है।

यदि यह महज एक उपकरणीय त्रुटि या हादसा सिद्ध होता है, तो यह आवश्यक है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए क्षमता बढ़ाई जाए — विशेषतः सार्वजनिक और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में इलैक्ट्रॉनिक और पटाखा उपकरणों की निगरानी।

पुलिस और फोरेंसिक टीमें अब तक हर संभव सबूत एकत्र कर रही हैं — सीसीटीवी फुटेज, आसपास के लोगों के बयानों की तुलना और संभावित संदिग्धों की पहचान।

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