शनिवार को दर्जनों पीड़ित अपने दस्तावेज़ और रसीदें लेकर पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे और कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पीड़ितों का कहना है कि कंपनी के डायरेक्टर फाजिल, साजिद, डॉ. सलीम और राजू सिंह लंबे समय से ऐसे ही भू-माफियागिरी वाले कामों में शामिल हैं और गरीबों को आसान किस्तों के लालच में फंसाकर लाखों रुपये वसूल कर लेते हैं।
पीड़ितों के अनुसार, कंपनी ने कानपुर के विभिन्न इलाकों में “सस्ते रेट में प्लॉट उपलब्ध” के विज्ञापन देकर लोगों को अपने जाल में फंसाया। कुछ लोगों ने एडवांस और किस्तों में रकम जमा भी की, लेकिन न तो प्लॉट मिला और न ही पैसा वापस किया गया।
पीड़ितों की मांग:
कमिश्नर कार्यालय में उपस्थित मोहम्मद अफसर, हलीमा खातून समेत अन्य पीड़ितों ने कहा कि यदि जल्द ही कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई, तो सभी पीड़ित सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि इस प्रकरण में शामिल लोगों पर ऑपरेशन महाकाल के तहत सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि आगे कोई गरीब उनके झांसे में न आए।
बार एसोसिएशन के मंत्री वीरेंद्र कुमार ने भी पीड़ितों का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसे धोखेबाजों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि निवेशकों का विश्वास कायम रहे।
पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में ठगी के इस बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकेगा।
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