यात्रियों का कहना है कि यह खुली लूट है। प्राइवेट बस ऑपरेटर मौके का फायदा उठाकर मनमानी वसूली कर रहे हैं। कई लोगों ने शिकायत की है कि बुकिंग वेबसाइटों और ऐप्स पर भी किराया तेजी से बढ़ रहा है, जबकि सरकारी बसों की टिकटें या तो फुल हैं या लिमिटेड सीटों में उपलब्ध हैं।
फ्लाइट से महंगा किराया
दिल्ली से लखनऊ, वाराणसी या पटना की फ्लाइट जहां ₹3500-₹4500 में उपलब्ध है, वहीं बसों का किराया अब फ्लाइट से भी ऊपर चला गया है। यात्रियों को मजबूरी में इन दरों पर टिकट खरीदनी पड़ रही है, क्योंकि त्योहार पर घर पहुंचना सबसे बड़ी प्राथमिकता बन चुका है।
यात्रियों में आक्रोश, प्रशासन चुप
कई यात्रियों ने परिवहन विभाग और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। बावजूद इसके, अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। प्राइवेट बस अड्डों पर एजेंट खुलेआम अधिक किराया वसूल रहे हैं।
> "यह हर साल होता है, लेकिन इस बार तो हद पार हो गई है। बस वालों ने किराया इतना बढ़ा दिया कि फ्लाइट लेना सस्ता पड़ रहा है," — एक यात्री ने नाराजगी जताई।
यात्रियों का कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही दखल नहीं दिया तो आने वाले छठ पर्व तक यह स्थिति और भयावह हो सकती है।
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