बैठक में निर्णय लिया गया कि मंदिर में आने-जाने के लिए सुगम और सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किए जाएंगे। दर्शन प्रक्रिया को नियंत्रित रखने के लिए कतारबद्ध व्यवस्था लागू की जाएगी और भीड़ नियंत्रण हेतु समुचित बैरिकेडिंग की जाएगी। इसके साथ ही, आपातकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अग्नि सुरक्षा उपायों की समीक्षा की गई और मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरों की स्थिति व कार्यक्षमता की जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए मंदिर परिसर में अस्थायी पुलिस सहायता केंद्र स्थापित किया जाएगा। पुलिस व मंदिर प्रशासन मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि श्रावण के पावन अवसर पर श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के शांतिपूर्ण और सुरक्षित दर्शन कर सकें। महंत अरुण भारती ने पुलिस प्रशासन के सहयोग के प्रति आभार जताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इस वर्ष की श्रावण यात्रा अधिक सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण रूप से संपन्न होगी।
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