महंत जितेंद्रदास महाराज ने इस पूरे घटनाक्रम को उनकी छवि को धूमिल करने की एक साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया पर इस तरह की झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाकर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो तस्वीर वायरल की गई है, वह केवल पुलिस अधिकारियों से यात्रा के दौरान हुई सामान्य चर्चा की है, जिसका गलत संदर्भ देकर प्रचार किया जा रहा है।
इस मामले को लेकर महंत ने थाना पनकी में लिखित तहरीर दी है और आरोपी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। इधर, सोशल मीडिया पर झूठी पोस्ट के विरोध में महंत समर्थकों ने भी आक्रोश जताया है और दोषी के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है ताकि धार्मिक नेताओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने वालों पर लगाम लग सके।
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