कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद डॉ. रोहित सक्सेना ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने योग को वैश्विक पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि यदि पहले की सरकारें योग और भारत की पारंपरिक कलाओं के प्रति सजग होतीं, तो आज मार्शल आर्ट जैसी विधाएं, जो भारत से उत्पन्न हुई हैं, उन पर चीन और कोरिया जैसे देश कॉपीराइट का दावा न करते।
डॉ. सक्सेना ने जोर देते हुए कहा, “योग केवल शरीर नहीं, बल्कि मस्तिष्क को भी स्वस्थ करता है। आज की दुनिया में मानसिक बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं और योग ही इसका सर्वश्रेष्ठ समाधान है। शारीरिक और मानसिक संतुलन के लिए योग से बेहतर कोई उपाय नहीं है।”
प्रमुख उपस्थिति:
इस अवसर पर संगठन के संरक्षक भूधर नारायण मिश्रा (पूर्व विधायक), कोषाध्यक्ष रीना पांडे, लीगल एडवाइजर एड. नरेश चंद्र त्रिपाठी (पूर्व अध्यक्ष, कानपुर बार एसोसिएशन), रजनीश कटिहार, उपाध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव, अभिनव मिश्रा एड. (कोऑर्डिनेटर व प्रदेश महासचिव), मिथुन श्रीवास्तव, एड. विभव प्रताप सिंह, रविकांत बाजपेई (रेफरी कमिशन चेयरमैन), कमलेश गौतम, एड. सोनू कुमार, अमित कुमार, अरुण कुमार जैन, विवेक कुमार, जगदीश नारायण, अजय व्यास चंदा, मधुर श्रीवास्तव, राहुल कटिहार, सुरेंद्र निगम, शोभित पांडेय समेत कई पदाधिकारी और योग प्रेमी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का उद्देश्य संगठन की नीतियों और भावी योजनाओं पर चर्चा करना था, साथ ही योग के प्रचार-प्रसार को नई दिशा देने पर मंथन किया गया। बैठक में यह भी संकल्प लिया गया कि योगा एसोसिएशन ऑफ इंडिया जन-जन तक योग को पहुंचाने और स्वस्थ भारत के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएगा।
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