कानपुर में प्रदूषण के हालात चिंताजनक स्तर पर पहुंच गए हैं. निर्माण गतिविधियों, फैक्ट्रियों के धुंए और उखड़ सड़कों की वजह से यह एक बार फिर से देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया है. शुक्रवार को कानपुर को एयर क्वालिटी इंडेक्स 431 के स्तर पर पहुंच गया. इसकी वजह से सबसे ज्यादा तकलीफ बीमार और सांस की बीमारी से जुड़े लोगों की बढ़ गई हैं. इन सबके बीच कमिश्नर ने ब्रह्मनगर स्थित एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन का निरीक्षण किया. कमिश्नर में अगले तीन माह में कानपुर में चार और स्थानों में ऐसे स्टेशन बनाने को कहा है. इसके साथ ही भारी ट्रैफिक के डायवर्जन समेत अन्य सुरक्षात्मक उपायों को करने के निर्देश दिए गए हैं.
एक तरफ जहां ठंड का असर गहराता जा रहा है, वहीं कानपुर में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता जा रहा है. वायुमंडल में खतरनाक गैसों के साथ धूल और धुएं के कारण प्रदूषण के स्तर को चिंताजनक बना रहे हैं. खासतौर पर साउथ सिटी में स्थितियां और ज्यादा ही खराब है. भारी वाहनों का आवागमन और उखड़ी सड़कों से धूल की परत कई जगहों पर और मोटी होती जा रही है. निर्माण कार्यों से लेकर भवन निर्माण सामग्री लेकर जाने वाले वाहनों में सुरक्षात्मक उपाय न के बराबर हैं. यही वजह कि कानपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब होता जा रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को कानपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 431 पर पहुंच गया. प्रदूषण का यह ऐसा स्तर है, जो स्वस्थ व्यक्ति को भी बीमार बना सकता है. इन सबके बावजूद हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं.
वायु गुणत्ता जांचने को चार स्थानों पर बनेंगे स्टेशन
इस बीच कमिश्नर डॉ. राज शेखर ने ब्रह्मनगर स्थित वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन का निरीक्षण किया. इस दौरान जो निष्कर्ष निकला, उसमें पता चला कि एयर क्वालिटी खराब होने की सबसे बड़ी वजह हवा में धूल के कणों का अधिक होना है. डस्टी निर्माण के अलावा भारी ट्रैफिक मूवमेंट और खराब सड़कों की वजह से धूल का प्रसार अधिक हो रहा है. यहां पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी ने कमिश्नर को बताया कि शहर में चार स्थानों पर ऐसे ही एयर क्वालिटी जांचने के स्टेशन बनाना प्रस्तावित है. इस पर कमिश्नर ने अगले तीन माह में कल्याणपुर, गोविंदनगर, फूलबाग और जाजमउ में ऐसे स्टेशन बनाने के निर्देश दिए. एसपी ट्रैफिक को निर्देश दिए गए कि ब्रह्मनगर के तीन किलोमीटर के दायरे में भारी ट्रैफिक की स्टडी करने के साथ ही उसके डायवर्जन का प्लान तैयार करें. आसपास के सभी निर्माण कार्य जांचने के भी निर्देश दिए गए. मेट्रो के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को निर्देश दिए गए कि कल्याणपुर से मोतीझील तक वाटर मिस्ट कैनन्स का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किया जाए, जिससे कि सड़क पर धूल न उड़े. इसके अलावा केडीए, नगर निगम ओर पीडबल्युडी को लांग टर्म प्लान बनाने को कहा गया. इसमें सभी सड़कों के किनारे फुटपाथ को ब्लैक टॉप करने को कहा.

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