घाटमपुर विधानसभा पर जीत का परचम लहराने के साथ ही जहां पूरी भाजपा जश्न में डूबी नजर आ रही थी, वहीं एक मौका ऐसा भी आया, जब विजय हासिल करने के बाद एक बेटे की अपने पिता से नजरें जब चार हुईं तो दोनों तरफ से आंसुओं की धार फूट पड़ी. उम्र के इस पड़ाव में पिता ने भावनाओं पर काबू रखने हुए चुनावी रण को फतह करने वाले बेटे के न सिर्फ आंसू पोछे, बल्कि उन्हें यह भी समझाते नजर आए कि अब जनता की उम्मीदों पर भी खरा उतरना होगा.
घाटमपुर विधानसभा उपचुनाव में यूं तो तीसरे राउंड से ही भाजपा बढ़त बनाने लगी थी लेकिन शाम पांच बजे के बाद जब पूरी तरह स्थिति साफ हो गई तो समर्थकों के जयनाद के बीच उपेंद्र नाथ पासवान हर किसी से गर्मजोशी से मिलते रहे. इसी बीच एक ऐसा मौका भी आया, जब उपेंद्र के पिता अचानक माला लेकर उनके सामने आ गए. जीत के उत्साह से लबरेज पुत्र और गर्व की अनुभूमि कर रहे पिता की जब आमने-सामने नजरें मिलीं, तो भावनाओं का ज्वार हिलोरें मारने लगा.
अचानक उपेंद्र के चेहरे से जीत की चमक गायब लेकिन आंखों से खुशी के ऐसे आंसु बहने शुरू हुए कि सामने खड़े पिता भी भाव विहल हो उठे. रण को विजय करने के बाद बेटे की आंखों में आंसू देख पिता का वात्सल्य जागा और बेटे को गले लगाने के साथ ही उसके आंसुओं को भी पूछा. आसपास समर्थकों की भीड़ के जयनाद की भी दोनों केा फिक्र नहीं रही. यही पर पिता ने उपेंद्र को भावनाओं पर काबू रखने की सीख देते हुए समझाया कि जिस जनता ने उन पर विश्वास जताया है, अब उस विश्वास पर खरे उतरने की बारी उनकी है.
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