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Tuesday, October 27, 2020

कानपुर :- सड़क निर्माण घोटाले में हुई कार्रवाई, UPSIDA के CE अरुण मिश्र हुए गिरफ्तार

यूपीसीडा के चीफ इंजीनियर अरुण मिश्रा को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. सीओ कैंट के नेतृत्व में टीम ने गिरफ्तारी की है. पुलिस लखनऊ कोर्ट में आरोपी को पेश करेगी. एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि चकेरी पाली रोड निर्माण के घोटाले में अरुण मिश्र आरोपी हैं.


यूपीसीडा के प्रधान महाप्रबंधक अरुण कुमार मिश्रा को पुलिस ने रामादेवी के पास से गिरफ्तार किया है. मिश्रा पर चकेरी-पाली रोड का कागज पर निर्माण कराकर 2.11 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है. इस मामले में एक सहायक अभियंता, एक अवर अभियंता और एक ठेकेदार व सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता को भी गिरफ्तार किया जा सकता है. तीन दिन पहले ही शासन ने प्रधान महाप्रबंधक अरुण कुमार मिश्रा, सहायक अभियंता नागेंद्र सिंह, अवर अभियंता एसके वर्मा के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दायर करने की अनुमति शासन ने दी थी. अभी आरोप पत्र दायर नहीं किया गया है. प्रयागराज नेशनल हाईवे से पाली गांव होकर चकेरी औद्योगिक क्षेत्र में जाने वाली तीन किलोमीटर सड़क का निर्माण वर्ष 2009 में यूपीसीडा ने किया था. इसके आगे की 1940 मीटर सड़क को पीडब्ल्यूडी ने बनाया था.  यूपीसीडा के अफसरों ने पीडब्ल्यूडी के हिस्से की सड़क को भी अपने हिस्से के निर्माण कार्य में दिखा दिया था. यूपीसीडा के तत्कालीन अधिशाषी अभियंता अजीत सिंह, सहायक अभियंता नागेंद्र सिंह और अवर अभियंता एसके वर्मा ने मेसर्स कार्तिक इंटरप्राइजेज फर्म द्वारा बनाए जाने की बात कहते हुए 12 जनवरी, 2009 को 2 करोड़ 11 लाख रुपए पास करा लिए थे. यूपीसीडा से दो किस्तों में इस रकम का भुगतान कर दिया गया था.


मामला खुलने पर यूपीसीडा के तत्कालीन प्रबंध निदेशक इफ्तेखारुद्दीन ने 2012 में अजीत सिंह, नागेंद्र सिंह और एसके वर्मा और फर्म कार्तिक इंटरप्राइजेज के खिलाफ चकेरी थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी. जांच में अरुण कुमार मिश्रा भी दोषी पाए गए थे. साठगांठ के चलते एक के बाद एक सभी अफसरों ने आंख बंद करके करोड़ों का बिल पास कर दिया था. अभी तक शासन की अनुमति नहीं मिलने से अरुण कुमार मिश्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं हो पा रही थी. जबकि जांच में घोटाले में शामिल होने की पुष्टि हो गयी थी. शासन की आठ साल बाद अनुमति मिलते ही सीओ कैंट सत्यजीत गुप्ता ने अरुण कुमार मिश्रा, नागेंद्र और एसके वर्मा के खिलाफ चार्जशीट लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी है.  पुलिस की जांच में प्रधान महाप्रबंधक अरुण मिश्रा का नाम सामने आया. विवेचक ने माना कि बिना मौका मुआयना कराए ही प्रधान महाप्रबंधक ने फर्म को धनराशि का भुगतान किया और उनकी संलिप्तता उजागर होती है. एसपी पूर्वी ने अरुण कुमार मिश्रा की गिरफ्तारी करने का आदेश देते हुए एक टीम भी गठित की थी. इस टीम ने ही अरुण कुमार मिश्रा को रामादेवी के पास से गिरफ्तार किया है. तत्कालीन अधिशासी अभियंता अजीत सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं. इस मामले में अभी कई और लोगों की गिरफ्तारी होगी. एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने अरुण की गिरफ्तारी की पुष्टि की है.

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