केडीए अभियंताओं की मेहरबानी से शहर में सील इमारतों में हो रहे निर्माण का मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक भेजा गया है. इसके बाद से केडीए में खलबली मची हुई है. वहीं मामले की जांच होगी तो कई अभियंता फंसेंगे. इसमें तमाम अभियंताओं व प्रभारियों को स्थानान्तरण हो चुका है. सभी मामलों में शासन ने रिपोर्ट तलब की है. अब एक-एक इमारत की रिपोर्ट तैयार की जा रही है. हालांकि उसमें भी अभियंता इस मुश्किल से बचने का पेच निकाल रहे है.
वर्ष 2013 से लेकर अब तक आठ सौ से ज्यादा इमारतें सील हो चुकी हैं. इसमें तमाम में अभी तक काम नहीं शुरू हुआ है. वहीं खेल कुछ इस हद तक जा पहुुंचा कि अभियंता की जिस बिल्डर पर मेहरबानी हुई है वहां पर इमारतें बन कर बिक भी चुकी है. अशोक नगर, काकादेव, सर्वोदय नगर, आर्यनगर, जवाहर नगर, स्वरूप नगर, गोविंद नगर, नेहरू नगर, किदवईनगर समेत कई जगह सील इमारतों में निर्माण हो कर बेच भी दी गई हैं. वहीं खोया मंडी बादशाही नाका, जनरलगंज, जवाहर नगर, नेहरू नगर, काकादेव, पीरोड, जाजमऊ, पनकी, केशवपुर समेत कई जगह निर्माण चल रहा है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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