उर्सला में आज रैपिड रिस्पांस टीम एवं कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम में लगे लैब टेक्नीशियन ने हंगामा करते हुए काम बंद कर दिया. बताया गया कि लैब टेक्नीशियन को दो माह से वेतन नहीं मिला है. जिसकी वजह से उनके सामने समस्या आ रही है. उधर, हंगामे की जानकारी पाकर सीडीओ और सीएमओ उर्सला पहुंचे. यहां पर लैब टेक्नीशियन के साथ बैठक में समझाक शांत किया गया. सीडीओ ने हंगामे से इनकार करते हुए वर्कआर्डर में विलंब हुआ है. उन्होंने कहा कि शासन की नए निर्देशों को लेकर लैब टेक्नीशियन के साथ बैठक की गई है.
कोरोना काल मे कानपुर में बड़ी संख्या में एजेंसी के जरिए ज्वाइन हुए कर्मचारियों ने नियुक्ति पत्र न मिलने और वेतन संबंधी समस्याओं को लेकर हंगामा और प्रदर्शन किया. सीएमओ कंट्रोल रूम के बाहर प्रदर्शन के दौरान उन्होंने क्षेत्र में जाने से इनकार कर दिया. बताया जाता है कि आउसोर्सिंग पर रखे गए करीब 100 लैब टेक्नीशियन के क्षेत्र में नहीं जाने से सैंपलिंग एवं कोविड जांच का कार्य भी प्रभावित हो गया. इन कर्मचारियों का कहना था कि वे सभी आरआरटी के साथ काम करते हैं. उन्हें नियुक्तिपत्र और वेतन नहीं मिला है. हंगामे और कोविड जांच का कार्य प्रभावित होने पर सीडीओ डॉ. महेंद्र कुमार और सीडीओ डॉ. अनिल मिश्र उर्सला पहुंचे और सभी को समझाकर शांत कराया. इसके बाद उर्सला अस्पताल स्थित सभागार में सीडीओ व सीएमओ के साथ लैब टेक्नीशियन की बैठक हुूई.
वहीं, सीडीओ डॉ. महेश कुमार ने लैब टेक्नीशियन को समझाते हुए कहा कि आपकी मेहतन का नतीजा है कि जिले में कोरोना नियंत्रित होने लगा है.एक सप्ताह से लगातार केस कम हुए हैं. शासन से भी जिले में बेहतर कार्य की तारीफ हो रही है. ऐसे में इस तरह की बातें अच्छी नहीं हैं. यहां पर काफी देर तक बैठक हुई. सीडीओ ने किसी तरह के हंगामे से इनकार करते हुए कहा कि वर्कआर्डर में थोड़ी देर हुई है. उन्होंने कहा कि यह सभी लैब टेक्नीशियन हमारी आर आरटी प्लस टीम के साथ कार्य मे लगे हुए है. कहा कि कोरोना काल मे यह बहुत ही अच्छे से कार्य कर रहे है. ऐसे में एक योजना तैयार की थी, जिसमें निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा सैंपलिंग करने पर इन्हें इंसेंटिव के रूप में 500 रूपए दिए जाएंगे.
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