खतरनाक कोरोना महामारी ने लेदर इंडस्ट्री की कमर तोड़ दी है. बुधवार को चर्म निर्यात परिषद द्वारा जारी रिपोर्ट से साफ हो गया है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल निर्यात में 48 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रधानमंत्री की दस सबसे शक्तिशाली इंडस्ट्रीज में से एक लेदर में इस कदर गिरावट आई है.रीजनल चेयरमैन चर्म निर्यात परिषद के जावेद इकबाल का कहना है कि चर्म निर्यात परिषद की रिपोर्ट से साफ है कि लेदर सेक्टर की हालत कितनी गंभीर है. अप्रैल से अगस्त के बीच निर्यात घटकर आधा रह गया है। इसका सीधा असर रोजगार और आर्थिक सेहत पर पड़ेगा.
पिछले साल भी लेदर सेक्टर के हाल बहुत अच्छे नही थे. 2018 की तुलना में 2019 में निर्यात में 10 फीसदी की कमी आई थी लेकिन तब कोरोना का कहर नहीं था. इस साल जारी रिपोर्ट से साफ हो गया है कि कोरोना ने जितना असर डाला है, उतना असर पिछले 50 साल में नही आया.
पिछले साल अगस्त में 428 मिलियन डालर का निर्यात किया गया था. इस साल अगस्त में निर्यात 356 मिलियन डालर का हुआ. यानी इसमें करीब 17 फीसदी की कमी आई. पिछले साल अप्रैल से अगस्त के बीच पांच महीने में 2053 मिलियन डालर लेदर का निर्यात हुआ था. इस साल इसी अवधि में ये निर्यात गिरकर महज 1062 मिलियन डालर रह गया. यानी निर्यात में 48 फीसदी की कमी आई है. आगे भी हाल अच्छे नहीं हैं क्योंकि दिसंबर से लेकर मार्च तक के एडवांस ऑर्डर न के बराबर हैं। विदेशी ग्राहकों को संदेह है कि यहां के निर्यातक समय पर ऑर्डर पूरा कर पाएंगे.
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