नगर निगम कार्यकारिणी की तरफ से विद्युत शवदाह गृह में एक हजार रूपए का शुल्क लगाने के प्रस्ताव का विरोध शुरू हो गया है. इसके विरोध में कानपुर नागरिक मंच ने प्रशासनिक अफसरों को ज्ञापन सौंपकर कार्यकारिणी के इस फैसले पर सवाल खड़े किये. इसके साथ ही बढ़े हुए शुल्क को वापस कराने की मांग की गई है.
विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार के लिए लगाए गए एक हजार रूपए के शुल्क के विरोध में कानपुर नागरिक मंच के प्रतिनिधिमंडल के रूप में पूर्व पार्षद मदनलाल भाटिया, सामाजिक कार्यकर्ता मनोज सेंगर, सुरेश गुप्ता, रामप्रकाश त्रिपाठी आदि ने एसीएम चतुर्थ जियालाल को ज्ञापन दिया. ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि मार्च 2017 में तत्कालीन महापौर जगतवीर सिंह द्रोण की अध्क्षता में हुई कार्यकारिणी की बैठक में विद्युत शवदाह गृह को पूरी तरह निशुल्क किया गया था. उन्होंने कहा कि अब एक हजार का शुल्क लगाने से गंगा में प्रदूषण रोकने के प्रयासों को भी धक्का लगा है. उन्होंने कहा कि निशुल्क होने से लावारिश शवों के अलावा गरीब और निसहाय लोग यहां पर अपने प्रियजनों के शवों का अंतिम संस्कार कराते थे. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोग पहले से ही आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. ऐसे में इस तरह से शुल्क लगाना मानवता के भी विपरीत है.
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