बेरोजगारी, ध्वस्त कानून व्यवस्था व बढ़ती महंगाई के विरोध में समाजवादी पार्टी के हल्ला बोल प्रदर्शन में जोश तो खूब देखा गया लेकिन कोविड प्रोटोकॉल पूरी तरह से दम तोड़ता नजर आया. शिक्षक पार्क से जुलूस की शक्ल में निकले सपाइयों को रोकने के लिए पुलिस ने बेरीकेडिंग लगाई तो सपाई उसे तोड़कर आगे बढ़ने की जद्दोजहद करने लगे. झड़प और धक्कामुक्की के बीच पुलिस ने भी हल्के तेवर दिखाए. इन सबके बीच सपा नेताओं ने प्रशासनिक अफसरों को ज्ञापन दिया.
सपा के इस हल्ला बोल प्रदर्शन की शुरूआत शिक्षक पार्क से हुई. सपाइयों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने परेड चौराहा और नवीन मार्केट में बेरीकेडिंग लगाई हुई थी. अपने प्रदर्शन में सपाइयों ने बदहाल स्वास्थ सेवाओं का भी मुद्दा उठाया. महानगर अध्यक्ष डॉ. इमरान, विधायक अमिताभ बाजपेयी, इरफान सोलंकी के साथ बड़ी संख्या में एकत्र हुए सपा कार्यकर्ताओं ने यहां पर जमकर नारेबाजी की. यहां से जुलूस की शक्ल में जैसे ही सपाई आगे बढ़े, पुलिस ने सोमदत्त प्लाजा के पास लगी बैरीकेडिंग पर उसे रोक दिया. इसके बाद कई कार्यकर्ता सड़क पर बैठ गए, जबकि विधायक अमिताभ बाजपेयी आदि बेरीकेडिंग पर चढ़ गए. इस बीच पुलिस से झड़प और धक्कामुक्की भी हुई.
सपाइयों ने जब बेरीकेडिंग तोडकर आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने भी तेवर दिखाए. बाद में सपा की तरफ से अफसरों को ज्ञापन दिया गया. यहां पर महानगर अध्यक्ष डॉ. हमरान ने कहा कि कोविड महामारी के बाद भी सरकार गरीब मरीजों को इलाज नहीं मुहैया करा पा रही है. बेरोजगारी बढ़ती जा रही है और नौजवानों को रोजगार देने का काम नहीं हो पा रहा है. किसानों के हितों का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार में अन्नदाता सबसे अधिक परेशान है. सपा सरकार के समय शुरू की गई 1090 और 181 महिला हेल्पलाइन सेवा भी बंद करने की योजना बनाई जा रही है. मजदूर रोजगार न मिलने से आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं. कानून व्यवस्था की स्थिति पूरे प्रदेश में ध्वस्त हो चुकी है जिसका ज्वलंत उदाहरण कानपुर है जहां एक माह के भीतर तीन हत्याएं हो चुकी हैं.
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