कानपुर के चौबेपुर के बिकरू कांड की जांच कर रही तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) द्वारा शासन को सौपी गई रिपोर्ट में कानपुर के पूर्व SSP अनंत देव तिवारी के पुलिस एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के साथ उनके संबंध की जांच कराने की सिफारिश की गई है.
कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए सीओ के नेतृत्व में गए पुलिस बल पर विकास दुबे ने अपने गैंग के साथ हमला बोल दिया था, जिसमें सीओ तथा दो दारोगा सहित आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. इसकी जांच अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी वाली तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) ने की है. इसमें पीएसी में डीआइजी के पद पर तैनात कानपुर के पूर्व एसएसपी अनंत देव तिवारी की विकास दुबे के साथ करीबी की जांच की सिफारिश की गई है.
बिकरू कांड के बाद एक रिपोर्ट वायरल
बिकरू गांव में में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद एक रिपोर्ट वायरल हुई थी जो शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्र ने चौबेपुर के निलंबित एसओ विनय तिवारी के खिलाफ पूर्व एसएसपी अनंतदेव को व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए भेजी थी. उस पर कार्रवाई होनी थी मगर कुछ नहीं किया गया. इस मामले की जांच के लिए आईजी रेंज लखनऊ को शासन ने भेजा.
उन्होंने जांच रिपोर्ट में इस बात को स्वीकार किया कि रिपोर्ट सोशल मीडिया और ईमेल के जरिए भेजी गई थी मगर कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद एक ऑडियो वायरल हुआ जिसमें शहीद सीओ और एसपी ग्रामीण की बातचीत थी. इसमें सीओ ने आरोप लगाया था कि पूर्व एसओ ने एक जुआ पकड़ने के मामले में पांच लाख रुपए पूर्व कप्तान को पहुंचा दिए जिसके कारण उसके खिलाफ र्कारवाई नहीं हुई.
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