कार्तिक पूर्णिमा में सबसे बड़े गंगा स्नान पर कोरोना काल की छाया नही देखने को मिली। जिसका नजारा शहर में देखने को मिला। जहां मां गंगा के निर्मल जल में श्रद्धालुओं को स्नान करते देखा गया और महिलाओं को गंगा आरती के साथ पूजा पाठ करते देखा गया। नजारा सरसैया गंगा घाट से है। जहां सुबह चार बजे से ही कई जिलों से आये श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान और सूर्य देवता को जल अर्पित किया। वहीं जिला प्रशासन ने भी सुविधा कर रखी थी,जिसके चलते घाट में प्रवेश द्वार पर बैरिकेटिंग लगा कर वाहनों का प्रवेश बन्द कर दिया था। वहीं गंगा तट से कुछ दूरी पर भी बैरिकेटिंग लगा दी गयी थी,साथ ही गोताखोर कर्मचारियों को भी तैनात किया गया था।
आपको बतातें चलेंकि हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। पुराणों के अनुसार इस दिन जो मनुष्य विधि-विधान से पूजा करने के बाद दान-पुण्य करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा, स्नान, दीपदान, यज्ञ और भगवान की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस पावन दिन पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का अंत किया था इसलिए कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
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