नगर निगम की तरफ से बढ़ाए गए किराए को लेकर अपनी गुहार लेकर मोतीझील पहुंचे नवीन मार्केट के व्यापारियों के हाथ मायूसी ही लगी है. महापौर और आयुक्त के साथ हुई बैठक में साफ कर दिया गया है कि जब तक शासन की तरफ से कोई आदेश नहीं आता, तब तक बढ़ा किराया देना ही होगा. इसके अलावा दुकानों की रजिस्ट्री को लेकर भी दुकानदारों को कोई राहत नहीं मिली.
दरअसल, नगर निगम की तरफ से दुकानों का किराया बढ़ाया गया है. इसी क्रम में नवीन मार्केट के दुकानदारों का भी किराया बढ़ाया गया है. हालांकि, इन दुकानों का किराया साल 2013 में बढ़ाया गया था लेकिन बाद में यहां के दुकानदार हाईकोर्ट चले गए थे. नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी का कहना है कि हाईकोर्ट का फैसला नगर निगम के पक्ष में आया और कोर्ट ने बढ़े किराए को उचित माना. इसके बाद नगर निगम ने बढ़े किराए को जमा करने की नोटिस दी थीं. इसी के विरोध में नवीन मार्केट के व्यापारी एक बार फिर से नगर निगम आए थे और राहत देने की मांग की लेकिन नगर आयुक्त् ने स्पष्ट कर दिया कि उन्हें बढा किराया ही देना होगा. महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि जिसे दिक्कत है, वो पार्ट पेमेंट भी कर सकता है. वहीं, बैठक में व्यापारियों ने दुकानों की रजिस्ट्री का भी मुद्दा रखा. व्यापारियों ने कहा कि करीब 550 दुकानों में पूर्व में 181 दुकानों की रजिस्ट्री की जा चुकी है. 55 दुकानों का पैसा जमा है. इस पर भी कहा गया कि शासन से स्पष्ट आदेश आने के बाद ही रजिस्ट्री को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा.
No comments:
Post a Comment