पिछले काफी समय से दुश्वारियों से जूझ रहे चमड़ा कारोबारियों ने कमिश्नर के सामने अपने दर्द को सुनाया. लेदर के कारोबार से जुड़े उद्यमियों ने कहा कि कोविड की वजह से उनका कारोबार एक तिहाई हो चुका है, उस पर रोस्टर से संचालन ने मूल उत्पादन को एक चौथाई कम कर दिया है. इससे राहत दिलाने के साथ ही जाजमऊ में फायर स्टेशन की मांग की गई.
जाजमऊ में निरीक्षण पर पहुंचे कमिश्नर डॉ. राज शेखर ने यहां पर टेनरियों का भी जायजा लिया. यहां पर उद्यमियों ने कमिश्नर को बताया कि पिछले वर्ष उनका निर्याता 38 हजार करोड़ था, जो कोविड की वजह से घटकर एक तिहाई हो गया है. इसके अलावा उद्यमियों ने शासन स्तर पर बातचीत कर रोस्टर से संचालन प्रणाली में भी राहत की मांग की. उद्यमियों की मांग पर कमिश्नर ने जल निगम, जेडी इंडस्ट्रीज, नगर निगम, अग्निशमन विभाग, जिला प्रशासन के अफसरों को निर्देश दिया कि फायर स्टेशन की स्थापना के लिए भूमि चिंहित कर प्रस्ताव को अंतिम रूप देने और शासन को अनुमोदन के लिए भेजने को कहा. इसके अलावा कमिश्नर ने जाजमऊ में ओल्ड कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट का भी निरीक्षण किया. कमिश्नर ने जाजमऊ में 20 MLD न्यू अंडर कंस्ट्रक्शन कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट का भी दौरा किया, जो लेदर इंडस्ट्रीज के एफ्लुएंट के लिए समर्पित रूप से काम करेगा.

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