पिछले दिनों चमनगंज में चट्टों के खिलाफ चले अभियान में हुए पथराव और भैंसों को पकड़ने का मामला अब नगर निगम मुख्यालय मोतीझील से निकलकर कमिश्नर की चौखट तक आ चुका है. पकड़ी गई भैंसों को न छोड़ने को लेकर कमिश्नर से मिलने पहुंचे समाजवादी पार्टी के दोनों विधायक यहां पर कमिश्नर कार्यालय परिसर में धरने पर बैठ गए. सपा विधायकों का कहना है कि वह कमिश्नर से समय लेकर उनसे मिलने पहुंचे थे.
पिछले दिनों महापौर प्रमिला पांडेय की अगुवाई में नगर निगम ने चमनगंज में चट्टों के खिलाफ अभियान चलाया था. इस दौरान यहां पर भीड़ ने महापौर और नगर निगम के दस्ते पर पथराव किया था. इसके बाद जब शहर काजी की अगुवाई में महापौर ने यहां पर चट्टा संचालकों की बैठक बुलाई थी तब सपा विधायक इरफान सोलंकी और अमिताभ बाजपेयी के पहुंचने पर महापौर भड़क गई थीं और मामले में राजनीतिक दखलंदाजी की बात कहते हुए बैठक छोड़कर चली गई थीं. बाद में सपा विधायकों की नगर आयुक्त से भी बहस हुई. हालांकि, बाद में हुई बैठक में सहमति बनने पर पकड़े गए पांच लोगों को छोड़ दिया गया था लेकिन नगर आयुक्त ने दो टूक कहा था कि जो जानवर पकड़े गए हैं, उन्हें नीलाम किया जाएगा.
पकड़ी गई इन्हीं भैंसो के मामले को लेकर सपा विधायक इरफान सोलंकी और अमिताभ बाजपेयी बुधवार को कमिश्नर राज शेखर से मिलने उनके कार्यालय गए थे. सपा विधायकों का कहना है कि यहां पर कमिश्नर उन्हें नहीं मिले. सपा विधायकों ने कहा कि उन्होंने कमिश्नर से मिलने का समय लिया था लेकिन अब कार्यालय में नहीं है. काफी देर इंतजार करने के बाद दोनों सपा विधायक, पार्षद आदि यहां पर धरने पर बैठ गए. कमिश्नर कार्यालय में सपा विधायकों के धरने पर बैठने पर मौके पर मौजूद सीओ कोतवाली ने दोनों से बातचीत की लेकिन हल नहीं निकला. सपा विधायकों ने आरोप लगाया कि जनता की भैंसों को लूटकर नीलाम करने रकम खायी जा रही है. इस मामले में मिल्क कंपनियों से भी मिलीभगत का सपा विधायकों ने आरोप लगाया.
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