कानपुर में कोरोना से हो रही लगातार मौतों को लेकर शासन चिंतित है. यह चिंता अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार प्रथम की बैठक में दिखाई दी. प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सकों और प्रभारियों के साथ बैठक में अपर मुख्य सचिव ने साफ तौर पर कहा कि अगर किसी अस्पताल में कोविड मरीज की मौत होती है, तो उसे उसका स्पष्ट कारण बताना होगा. कोविड से होने वाली मृत्यु रोकने के निर्देश के साथ ही मृत्यु को रोकने के लिए पूरी ताकत से प्रयास किये जाएं.
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कोविड मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराते हुए उनकी देखभाल हो. जो मरीज गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, उनके लिए सीनियर डॉक्टर से परामर्श हो. प्राइवेट अस्पतालों को अपने संसाधनों को बढाने को कहा गया. इसके अलावा होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की नियमित मॉनीटरिगं करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कोविड से होने वाले मरीजो की मृत्यु होने पर यह जानकारी हासिल करने के निर्देश दिये कि उनकी केस हिस्ट्री क्या थी एवं कितने दिन घर में रहा, हास्पिटल में कब एडमिट हुआ एवं उसे क्या-क्या दवाईया दी गयी. कोविड मरीजो के मृत्यु होने पर संबंधित अस्पताल को स्पष्ट कारण बताना होगा.
उन्होंने कोविड से होने वाले मरीजो के मृत्यु होने पर उनका माइक्रो विशलेषण करने पर भी जोर दिया. इसके अलावा कोई भी अस्पताल बिना जिला प्रशासन अथवा मुख्य चिकित्साधिकारी के संज्ञान में लाये बिना मरीजो को रिफर न करे. उन्होंने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में कोविड मरीजो के मृत्यु पर प्रभावी रोकथाम हेतु अतिरिक्त विशेषज्ञों की जरूरत हो तो लगाये. बैठक में कमिश्नर ने भी सीएमओ को निर्देशित किया कि कोविड मरीजों की मृत्यु की मॉनीटरिंग की जाए. इसके पहले उन्होंने कोविड हॉस्पीटल लाजपतनगर स्थित जीटीबी नर्सिंग होम का निरीक्षण किया.


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