कोरोना काल में नगर निगम ने महंगाई का झटका दिया है. अब अगर शव को विद्युत शवदाह गृह में जलाना है, तो उसके लिए लोगों को एक हजार रूपए शुल्क जमा करना होगा. यही नहीं, नगर निगम के पार्किंग स्थलों में वाहन खड़ा करने पर भी ज्यादा जेब ढीली करनी होगी. इसके साथ ही मोतीझील में होने वाले आयोजन के लिए अगर कोई ग्राउंड बुक कराता है, तो उसे भी दोगुना शुल्क देना होगा. इसके अलावा वॉटर टेस्टिंग शुल्क भी बढ़ा दिया गया है. नगर निगम की की कार्यकारिणी बैठक में इन अहम फैसलों को लिया गया. बैठक में बजट को मंजूरी प्रदान करने के साथ ही अनूप कुमार शुक्ला को उपसभापति चुना गया.
महापौर प्रमिला पांडेय की अध्यक्षता में हुई नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में कई अहम फैसले लिए लेकिन इसमें सबसे अहम महंगाई के इस दौर में जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ाने वाले फैसले रहे. सबसे बड़ा फैसला विद्युत शवदाह गृह का शुल्क तय करने का लिया गया, यहां पर अब अंतिम संस्कार के लिए एक हजार रुपये देने पड़ेंगे. यह अभी तक निशुल्क था. हालांकि, बीपीएल कार्ड वालों के लिए छूट की बात कही गई है. इसके अलावा शहर की पार्किंग को भी महंगा कर दिया गया है. पूरे शहर की पार्किंग को तीन हिस्सों में बांटकर वहां पर चार से दो घंटे के हिसाब से पार्किंग की बढ़ी हुई दरें लागू की गई हैं. पार्किंग के बढ़े रेट के मुताबिक, अब अब साइकिल का तीन रुपये बढ़ाकर से 5 रुपए, बाइक का 10 से बढ़ाकर 15 और कार का 30 रुपए पार्किंग शुल्क तय किया गया है. इसमें राहत यह है कि जो वाहन इलेक्ट्रिक से चलते हैं, उनके लिए पार्किंग निशुल्क रहेगी. मोतीझील लॉन का किराया भी बढ़ा दिया गया है. पूर्व में मोतीझील लॉन की बुकिंग करीब 25 हजार प्रतिदिन के हिसाब से होती थी, नगर निगम शादी समारोहों के लिए न्यूनतम दो दिन की बुकिंग करता था. इसमें करीब 50 हजार का शुल्क लिया जाता था लेकिन अब इस शुल्क को भी दोगुना कर दिया गया है. इसके साथ ही जेटीएन कंपनी पर भी शिकंजा कसा गया है. इसमें पार्षद के बेटा-बेटी, भाई-बहन और सामाजिक संगठनों की तरफ से कराए जाने वाले सामूहिक विवाह में किराया नहीं लिया जाएगा. हालांकि, सफाई आदि का शुल्क जरूर लिया जाएगा.
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