👨⚕️ अब डॉक्टर नहीं, AI करेगा मरीजों की निगरानी
इस हाईटेक वार्ड में हर बेड के पास स्मार्ट सेंसर, AI मॉनिटरिंग यूनिट, और रियल-टाइम डेटा एनालिसिस की व्यवस्था होगी। ये सिस्टम मरीज के शरीर के महत्वपूर्ण संकेतक जैसे दिल की धड़कन, ऑक्सीजन स्तर, तापमान, रक्तचाप आदि पर 24x7 निगरानी रखेंगे। यदि किसी भी संकेतक में असामान्यता आती है, तो संबंधित डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को तुरंत अलर्ट मिल जाएगा।
🏥 ICU में भी होगा AI का विस्तार
यह AI तकनीक सबसे पहले नए जनरल वार्ड में लागू की जा रही है, लेकिन भविष्य में इसे ICU, ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी यूनिट में भी विस्तारित किया जाएगा। इससे गहन चिकित्सा की स्थिति में तेजी से निर्णय लेने में मदद मिलेगी और जान बचाने की संभावना बढ़ेगी।
🎯 इलाज में पारदर्शिता और सटीकता
AI तकनीक के उपयोग से न केवल इलाज की गति बढ़ेगी, बल्कि हर मरीज का मेडिकल इतिहास, दवा की प्रतिक्रिया, एलर्जी, आदि की जानकारी भी AI सिस्टम स्वतः अपडेट करेगा। इससे डॉक्टर को सटीक और त्वरित इलाज तय करने में मदद मिलेगी।
🗣️ प्रशासनिक प्रतिक्रिया
हैलट अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. आलोक वर्मा ने बताया:
> "यह तकनीकी पहल मरीजों के उपचार की प्रक्रिया को न सिर्फ स्मार्ट बनाएगी, बल्कि स्टाफ पर निर्भरता घटाकर सटीक देखभाल को प्राथमिकता देगी। इससे संसाधनों की भी बेहतर प्लानिंग हो सकेगी।"
🚀 भविष्य की तैयारी
प्रदेश सरकार द्वारा AI तकनीक को स्वास्थ्य ढांचे में शामिल करने की दिशा में यह पायलट प्रोजेक्ट है। सफल परिणामों के बाद इसे लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर व अन्य प्रमुख शहरों के सरकारी अस्पतालों में भी लागू किया जाएगा।
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