घटना का पर्दाफाश
शिकायतकर्ता विकास शर्मा ने 29 मार्च 2025 को कानपुर के साइबर थाने को ई-मेल (sho-cyberthana.kn@up.gov.in) के माध्यम से शिकायत दी कि एक फर्जी वेबसाइट “Elite Global Careers” के ज़रिए दुबई में नौकरी दिलाने का दावा कर उनसे ₹28,600 की ठगी की गई थी।
गिरोह की संरचना और गिरफ्तारी
जांच के दौरान जालसाज़ों का पता चमनगंज स्थित भाननापुरवा निवासी अरीबा अंसारी तक चला गया, जिसकी गिरफ्तारी पर उसकी निशानदेही के आधार पर अन्य गिरोहियों—कीर्ति गुप्ता (स्नेहा), अनुराग दीक्षित (अंकुर), और हरिओम पांडे—को गिरफ्तार किया गया।
दो महिलाओं और दो पुरुषों के इस गिरोह में कुल 15 सदस्य थे और पुलिस अभी भी इनके अन्य साथी तलाशने में जुटी है।
ऑपरेशन व तकनीकी तरीका
गिरोह ने "Elite Global Careers" और "Overseas Consultancy" नामक फर्जी वेबसाइटों के ज़रिए विदेशी नौकरी का लालच देकर लोगों से संपर्क किया।
जालसाज़ Zoiper5 VOIP सॉफ्टवेयर का उपयोग करते थे, जिससे वे विदेशी कंपनियों के मोबाइल नंबरों द्वारा कॉल करते हुए इंटरव्यू का आश्वासन देते थे।
आरोपियों ने नौकरी-डॉट-कॉम जैसे पोर्टल से डेटा जुटाकर शिकार बनाते थे और असली इंटरव्यू मानकर उनसे दस्तावेज मांगकर पैसे ऐंठते थे।
वित्तीय हेराफेरी
गिरफ्तार आरोपियों के खातों में कुल ₹5 करोड़ से अधिक का लेनदेन पाया गया है।
कुछ अन्य रिपोर्टों के अनुसार इस गिरोह ने 1.20 लाख लोगों को ठगा और ₹600 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की हो सकती है।
बैंक पासबुक से ₹5 करोड़ तक के ट्रांजेक्शन्स और कई कीमतों में वस्तुएँ भी मिली हैं।
कार्रवाई व पुरस्कार
गिरोह के आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत भी कार्रवाई की जाएगी एवं गिरफ्तारी टीम को ₹20,000 का इनाम दिया गया।
अब पुलिस 15 अन्य फरार आरोपियों की तलाश में सक्रिय है।
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सारांश तालिका
घटना विवरण
शिकायत दिनांक 29 मार्च 2025 (विकास शर्मा द्वारा)
प्रमुख आरोपित अरीबा अंसारी, कीर्ति गुप्ता, अनुराग दीक्षित, हरिओम पांडे
गिरोह सदस्य लगभग 15 सदस्य
टैक्टिक्स फर्जी वेबसाइट, VOIP कॉल (Zoiper5), डेटा मेलिंग, इंटरव्यू का लालच
ठगी कुल राशि खातों में ₹5 करोड़+, अनुमानित ₹600 करोड़ तक
मुकदमा/कार्यवाही गैंगस्टर एक्ट, युद्धाबी कार्रवाई, ₹20,000 इनाम
जांच जारी अन्य 15 आरोपी फरार, तलाशी जारी
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यह मामला दिखाता है कि कैसे तकनीकी ज्ञान और डिजिटल साधनों का दुरुपयोग कर जालसाज़ बड़े पैमाने पर लोगों को ठगा सकते हैं। कानपुर पोलिस और साइबर सेल की सतर्कता और समय पर कार्रवाई ने एक विस्तृत नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिससे दर्जनों अन्य संभावित शिकार बच सके हैं। पुलिस अब पूरे गिरोह के अन्य सदस्यों की खोज में है और आगे और खुलासे किए जाने की संभावना है।
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